Ganga River System – गंगा नदी भारत की सबसे बड़ी व पवित्र नदी है इस लेख में हम भारत की नदियों (Rivers of India) की सीरिज में गंगा नदी तंत्र (Ganga River System) के तहत गंगा नदी का उद्गम, पंच प्रयाग, गंगा की सहायक नदियाँ, गंगा नदी पर निर्मित बांध व निकली नहरें तथा उसके किनारे बसे हुए शहरों को डिटेल में मानचित्र के द्वारा पढेंगे, तो अगर आप किसी भी परीक्षा जैसे UPSC, IAS, SSC MTS, SSC CPO, SSC GD, SSC CHSL, SSC CGL, NDA, CDS, Bank PO, IBPS की तैयारी कर रहे है तो यह आर्टिकल ध्यानपूर्वक जरुर पढ़िए|
गंगा नदी तंत्र
Ganges River System – गंगा नदी एशिया महाद्वीप के दो देशों भारत व बांग्लादेश से होकर बहती है| यह नदी हमारे भारत देश के उत्तराखंड राज्य से निकलकर दक्षिण-पूर्व दिशा में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड व पश्चिम बंगाल राज्यों से होते हुए बंगाल की खाड़ी में अपना जल गिराती है तथा पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश में सबसे बड़े नदी डेल्टा सुन्दरबन का निर्माण करती है|
गंगा नदी की कुल लम्बाई 2525 वर्ग किमी है जबकि भारतीय राज्यों में उत्तराखंड में लम्बाई 320 किमी, उत्तर प्रदेश में लम्बाई 1140 किमी, बिहार में लम्बाई 445 किमी तथा पश्चिम बंगाल में लम्बाई 520 किमी है| भारत सरकार द्वारा नवम्बर, 2008 में गंगा नदी को भारत की राष्ट्रीय नदी के तौर पर घोषित किया गया था|
नीचे दिए गए मानचित्र में गंगा नदी को दर्शाया गया है|
गंगा नदी के जल की शुद्धता का कारण
Why water of Ganga River is Pure – गंगा नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु पाए जाते हैं जोकि गंगा नदी के जल में उपस्थित विषाणु व अन्य सूक्ष्मजीवों को समाप्त कर देते है इसीलिए गंगा नदी के जल को काफी समय तक संरक्षित करके रखा जा सकता है|
गंगा नदी का जलग्रहण क्षेत्र
Ganga Basin or Catchment Area – गंगा नदी का जलग्रहण क्षेत्र भारत की सभी नदियों में सबसे बड़ा है तथा यह भारत के कुल क्षेत्रफल का 26% यानिकि 861404 वर्ग किमी है जबकि भारत, नेपाल व बांग्लादेश को मिलाकर इसका कुल जलग्रहण क्षेत्र 1086000 वर्ग किमी है| गंगा बेसिन भारत के 11 राज्यों उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार व पश्चिम बंगाल में विस्तृत है|
गंगा नदी का उद्गम
Origin of Ganga River – गंगा नदी उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री हिमनद के पास गौमुख नामक स्थान से निकलती है | यहाँ पर गंगा नदी को भागीरथी के नाम से जाना जाता है | भागीरथी नदी, देवप्रयाग नामक स्थान पर अलकनंदा नामक नदी से मिलती है तथा इसके उपरांत इनकी संयुक्त धारा को गंगा नदी के नाम से जाना जाता है |
गंगा नदी हरिद्वार में हरी की पौढ़ी नामक स्थान से मैदानी भागों में प्रवेश करती है| गंगा नदी बिजनौर जिले से उत्तर प्रदेश राज्य में प्रवेश करती है तथा उत्तर प्रदेश के 28 जिलों से होकर गुजरती है| इसके उपरांत गंगा नदी सारण जिले से बिहार राज्य में प्रवेश करती है तथा राजधानी पटना सहित बिहार के 12 जिलों से होकर गुजरती है| गंगा नदी झारखण्ड के एकमात्र जिले साहिबगंज से होकर गुजरती है व उसके बाद आखिरी राज्य पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है| गंगा नदी पश्चिम बंगाल राज्य में दो हिस्सों में विभाजित होती है, जिसका एक हिस्सा पश्चिम बंगाल से होकर बंगाल की खाड़ी में गिरता है जबकि दूसरा हिस्सा बांग्लादेश में प्रवेश करता है|
नीचे दिए गए मानचित्र में गंगा नदी के उद्गम को दर्शाया गया है|
पंच प्रयाग क्या है?
What is Panch Prayag – पंच प्रयाग उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं| भारत में वह स्थान जहाँ पर नदियों का संगम होता है उसे प्रयाग के नाम से जाना जाता है तथा हिन्दू धर्म में इन्हें प्रमुख तीर्थ स्थान भी माना जाता है|
उत्तराखंड के पंच प्रयागों के नाम निम्नलिखित हैं-
- विष्णुप्रयाग
- नन्दप्रयाग
- कर्णप्रयाग
- रूद्रप्रयाग
- देवप्रयाग
विष्णुप्रयाग – उत्तराखंड में बद्रीनाथ के पास से विष्णुगंगा नदी व नीति पास के निकट बसुन्धरा ताल से धौलीगंगा नदी निकलती है तथा इन नदियों का संगम विष्णुप्रयाग मे होता है| यहाँ से इस नदी को अलकनन्दा के नाम से जाना जाता है|
नन्दप्रयाग – अलकनंदा नदी में जिस स्थान पर नंदाकिनी नदी आकर मिलती है, उसे नन्दप्रयाग के नाम से जाना जाता है
कर्णप्रयाग – पिंडार नदी जिस स्थान पर अलकनंदा नदी से आकर मिलती है, उस स्थान को कर्णप्रयाग के नाम से जाना जाता है|
रूद्रप्रयाग – मन्दाकिनी नदी जिस स्थान पर अलकनन्दा नदी से मिलती है, उस स्थान को रूद्रप्रयाग के नाम से जाना जाता है|
देवप्रयाग – देव प्रयाग नामक स्थान पर गौमुख से निकलने वाली भागीरथी व अलकनन्दा नदी का संगम होता है तथा इसके आगे नदी को गंगा नदी के नाम से जाना जाता है|
नीचे दिए गए मानचित्र में पंच प्रयाग को दर्शाया गया है|
गंगा नदी की सहायक नदियाँ
Tributaries of Ganga River – गंगा नदी उत्तराखंड से निकलकर पश्चिम से होकर बंगाल की खाड़ी में मिलती है तथा इस दौरान कई सारी छोटी व बड़ी नदियाँ गंगा नदी में आकर मिलती है| गंगा की सहायक नदियों को दो भागों में बाँटा जा सकता है|
गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियों को नीचे दिए गए मानचित्र में दर्शाया गया है|
- बाएं तरफ से मिलने वाली नदियाँ [Left Bank Tributaries] – रामगंगा, गर्रा, गोमती, घाघरा, गंडक, बूढी गंडक, कोशी, महानंदा, ब्रह्मपुत्र आदि गंगा नदी में बाएं तरफ से मिलने वाली नदियाँ हैं|
- दायें तरफ से मिलने वाली नदियाँ [Right Bank Tributaries] – यमुना, तमसा, करमनासा, पुनपुन, फाल्गु, किउल, चन्दन, अजोय, दामोदर व रूपनारायण आदि गंगा नदी में दायें तरफ से मिलने वाली नदियाँ हैं|
अब हम गंगा नदी की सहायक नदियों के बारे में डिटेल में पढेंगे|
गंगा में बाएं तरफ से मिलने वाली नदियाँ
रामगंगा नदी – यह नदी बाएं तरफ से गंगा की प्रथम सहायक नदी है| रामगंगा नदी का उद्गम उत्तराखंड के दूधटोली नामक स्थान से होता है तथा उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में गंगा नदी से रामगंगा नदी का संगम होता है|
गोमती नदी – गोमती नदी, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में गोमत ताल से निकलती है तथा गाजीपुर जिले में गंगा नदी से मिलती है | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ गोमती नदी के किनारे स्थित है| गोमती नदी की कुल लम्बाई 475 किमी है|
घाघरा नदी – घाघरा नदी को नेपाल में करनाली व तिब्बत में माप्चा सान्गपो नदी के नाम से जाना जाता है तथा यह नेपाल की सबसे लम्बी नदी है| नेपाल से निकलकर करनाली नदी शारदा नदी से मिल जाती है| इसी नदी को आगे घाघरा नदी के नाम से जाना जाता है| घाघरा नदी तिब्बत में माप्चाचुंगपो हिमनद से निकलकर उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से होते हुए बिहार के सारण जिले में गंगा नदी से मिल जाती है| इसी नदी को अयोध्या में सरयू के नाम से जाना जाता है| घाघरा की कुल लम्बाई 1080 किमी है|
गंडक नदी – गंडक नदी को गण्डकी व नारायणी नदी के नाम से भी जाना जाता है| गंडक नदी का उद्गम नेपाल व तिब्बत की सीमा के पास Nhubine Himal हिमनद से होता है तथा बिहार राज्य के सोनपुर में गंगा नदी से मिल जाती है| गंडक नदी की कुल लम्बाई 814 किमी है|
बूढी गंडक नदी – यह नदी बिहार राज्य के पश्चिमी चंपारण जिले से निकलकर गंडक नदी के सामानांतर बहते हुए खगरिया जिले में गंगा नदी से मिल जाती है|
कोशी नदी – कोशी नदी को सप्तकोशी के नाम से भी जाना जाता है| कोशी नदी का उद्गम नेपाल के सनकोसी, अरुण व तमोर नदियों के संगम से होता है| कोशी नदी अपना मार्ग बदलने के लिए विख्यात है, जिसके कारण बिहार राज्य में बाढ़ आता है और इसीलिए कोशी नदी को बिहार का शोक भी कहा जाता है| कोशी नदी की कुल लम्बाई 729 किमी है
महानन्दा नदी – महानन्दा नदी का उद्गम पश्चिम बंगाल राज्य के दार्जिलिंग पहाड़ियों के पगलाझोरा जलप्रपात से होता है तथा यह नदी बांग्लादेश में गंगा नदी से मिल जाती है | महानंदा नदी की कुल लम्बाई 360 किमी है|
गंगा की बाएं से प्रमुख सहायक नदियों को नीचे दिए गए मानचित्र में दर्शाया गया है|
गंगा में दायें तरफ से मिलने वाली नदियाँ
यमुना नदी – यमुना नदी गंगा व भारत की सबसे लम्बी सहायक नदी है| यमुना नदी का उद्गम उत्तराखंड राज्य के बन्दरपूंछ चोटी के यमुनोत्री नामक स्थान से होता है| यमुना नदी हरियाणा, दिल्ली से होते हुए प्रयागराज में गंगा नदी से मिल जाती है तथा इस स्थान को त्रिवेणी संगम के नाम से जाना जाता है| यमुना नदी की कुल लम्बाई 1376 किमी है|
तमसा नदी – तमसा नदी का उद्गम मध्य प्रदेश राज्य में कैमूर की पहाड़ियों से होता है तथा यह नदी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में गंगा नदी से मिल जाती है| तमसा नदी की कुल लम्बाई 264 किमी है|
करमनासा नदी – करमनासा नदी का उद्गम बिहार राज्य के कैमूर जिले से होता है तथा यह नदी बिहार में चौसा के पास गंगा नदी मिल जाती है| इस नदी की कुल लम्बाई 192 किमी है
सोन नदी – सोन नदी का उद्गम मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ राज्य में अमरकंटक चोटी से होता है और यह नदी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बहते हुए बिहार राज्य की राजधानी पटना में गंगा नदी से मिल जाती है| सोन नदी की कुल लम्बाई 784 किमी है|
पुनपुन नदी – पुनपुन नदी का उद्गम झारखण्ड राज्य में छोटानागपुर की पहाड़ियों से होता है तथा यह नदी बिहार राज्य के फतुहा में गंगा नदी से मिल जाती है| पुनपुन नदी की कुल लम्बाई 200 किमी है|
फाल्गु नदी – फाल्गु नदी को निरंजना नदी के नाम से भी जाना जाता है| झारखण्ड व बिहार राज्य में बहने वाली लिलाजन व मोहना नदियों के संगम से फाल्गु नदी का उद्गम होता है| फाल्गु नदी बिहार राज्य में गंगा नदी से मिलती है | भगवान गौतम बुद्ध को बोधगया में निरंजना नदी के किनारे ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी|
किउल नदी – किउल नदी का उद्गम झारखण्ड राज्य के गिरीध जिले से होता है तथा यह नदी बिहार के लखीसराय जिले में गंगा नदी से मिल जाती है | गंगा नदी की कुल लम्बाई 111 किमी है|
चन्दन नदी – चन्दन नदी का उद्गम बिहार राज्य के भागलपुर जिले से हुआ है तथा यह नदी बिहार में गंगा की एक सहायक नदी है|
अजोय नदी – अजोय नदी झारखण्ड राज्य से निकलकर बिहार से होते हुए पश्चिम बंगाल के कटवा में गंगा नदी से मिल जाती है| अजोय नदी की कुल लम्बाई 300 किमी है|
दामोदर नदी – दामोदर नदी झारखण्ड राज्य में छोटानागपुर की पहाड़ियों के चूल्हापानी नामक स्थान से निकलती है तथा पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में हुगली नदी से मिल जाती है | दामोदर नदी को पश्चिम बंगाल का शोक भी कहा जाता है|
रूपनारायण नदी – रूपनारायण नदी पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से निकलकर गंगा नदी में मिल जाती है| द्वाराकेस्वर व शिलाबती नदियों के संगम से रूपनारायण नदी का निर्माण होता है|
गंगा की दायें से प्रमुख सहायक नदियों को नीचे दिए गए मानचित्र में दर्शाया गया है|
गंगा नदी के किनारे स्थित प्रमुख शहर
Major cities on the banks of river Ganga – उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार व पश्चिम बंगाल के विभिन्न शहर गंगा नदी के किनारे बसें हैं, जिनके नाम निम्नलिखित हैं|
- उत्तराखंड – हरिद्वार, ऋषिकेश
- उत्तर प्रदेश – मेरठ, फरुखाबाद, रायबरेली, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर व बलिया
- बिहार – पटना, भागलपुर, वैशाली, समस्तीपुर, कटिहार
- झारखण्ड – साहिबगंज
- पश्चिम बंगाल – बहरामपुर, कोलकाता
राष्ट्रीय जलमार्ग 1
National Waterway 1 – गंगा नदी पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक के मार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग 1 का दर्जा दिया गया है | इसे 27 अक्टूबर, 1986 को खोला गया था तथा इसकी कुल लम्बाई 1620 किमी है|
गंगा नदी पर बाँध व निकली हुई नहरें
Dams & Canals on River Ganga – गंगा नदी के जल के उपयोग के लिए इस पर निर्मित बांध व निकाली गयीं नहरें निम्नलिखित हैं|
टिहरी बाँध – उत्तराखंड राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले में भिलांगना नदी का संगम भागीरथी नदी से होता है तथा इसी स्थान पर टिहरी बाँध का निर्माण किया गया है| टिहरी बाँध भारत का सबसे ऊँचा तथा विश्व का 12वाँ सबसे ऊँचा बाँध है| इसकी कुल ऊँचाई 260.5 मीटर है|
भीमगोडा बैराज व ऊपरी गंगा नहर – इस बैराज का निर्माण गंगा नदी पर हरिद्वार में हरी की पौढ़ी के पास किया गया है और यहाँ से ऊपरी गंगा नहर को निकाला गया है| इस बैराज के पीछे के क्षेत्र को नील धारा पक्षी अभ्यारण्य के नाम से जाना जाता है| ऊपरी गंगा नहर हरिद्वार से निकलकर रूडकी, बुलंदशहर होते हुए अलीगढ जिले तक जाती है तथा इसके बाद यह नहर कानपूर व इटावा नामक दो शाखाओ में बंट जाती है | ऊपरी गंगा नहर को उत्तर प्रदेश में रामसर साइट का दर्जा भी प्राप्त है |
निचली गंगा नहर – निचली गंगा नहर का उद्गम उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में नरौरा नामक स्थान से गंगा नदी द्वारा होता है तथा यह नहर उत्तर प्रदेश के एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, कानपुर सहित कई जिलों में विस्तृत है
फरक्का बैराज – पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में गंगा नदी दो भागों में विभाजित हो जाती है| बांग्लादेश की तरफ जाने वाली धारा को पद्मा व पश्चिम बंगाल से होकर जाने वाली धारा को हुगली के नाम से जाना जाता है| मुर्शिदाबाद जिले में ही गंगा नदी पर फरक्का बैराज का निर्माण किया गया है|
गंगा नदी के अन्य नाम
Other Name of Ganges River – गौमुख नामक स्थान से उत्पत्ति के बाद गंगा नदी के देवप्रयाग में अलकनन्दा नदी से मिलने से पूर्व भागीरथी नदी के नाम से जाता है
उत्तराखंड के देवप्रयाग से पश्चिम बंगाल राज्य के मुर्शिदाबाद जिले तक इसे गंगा नाम से जाना जाता है
मुर्शिदाबाद से गंगा नदी पूर्व में बांग्लादेश व दक्षिण में पश्चिम बंगाल की तरफ दो धाराओं में बंट जाती है | बांग्लादेश की ओर जाने वाली नदी को पद्मा तथा पश्चिम बंगाल से होकर बहने वाली नदी को भागीरथी हुगली या हुगली नदी के नाम से जाना जाता है
गंगा नदी से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न – गंगा नदी कहाँ कहाँ से होकर गुजरती है?
उत्तर – गंगा नदी हमारे भारत देश के उत्तराखंड राज्य से निकलकर दक्षिण-पूर्व दिशा में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड व पश्चिम बंगाल राज्यों से होते हुए बंगाल की खाड़ी में अपना जल गिराती है तथा पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश में सबसे बड़े नदी डेल्टा सुन्दरबन का निर्माण करती है
प्रश्न – गंगा नदी का उद्गम कहाँ से होता है ?
उत्तर – गंगा नदी उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री हिमनद के पास गौमुख नामक स्थान से निकलती है | यहाँ पर गंगा नदी को भागीरथी के नाम से जाना जाता है
प्रश्न – गंगा नदी का पुराना नाम क्या है?
उत्तर – पुराणों के अनुसार स्वर्ग में गंगा को मन्दाकिनी और पाताल में भागीरथी कहते हैं।
प्रश्न – कौन सी नदी तिब्बत में नेपाल-चीन सीमा से निकलती है और हाजीपुर (बिहार) के पास गंगा में शामिल हो जाती है?
उत्तर – गंडक नदी तिब्बत में नेपाल-चीन सीमा से निकलती है और हाजीपुर (बिहार) के पास गंगा में शामिल हो जाती है|
प्रश्न – गंगा की किस सहायक नदी को ‘बिहार का शोक’ कहा जाता है?
उत्तर – गंगा की सहायक कोशी नदी को ‘बिहार का शोक’ कहा जाता है|
प्रश्न – निम्नलिखित में से कौन सी गंगा की सहायक नदी नेपाल-सिक्किम सीमा से निकलती है और बांग्लादेश में गंगा में मिल जाती है?
उत्तर – महानंदा नदी गंगा की सहायक नदी नेपाल-सिक्किम सीमा से निकलती है और बांग्लादेश में गंगा में मिल जाती है|
प्रश्न – कौन-सी नदी गंगा की बाएं तरफ से सहायक नदी है ?
उत्तर – रामगंगा, गर्रा, गोमती, घाघरा, गंडक, बूढी गंडक, कोशी, महानंदा, ब्रह्मपुत्र आदि गंगा नदी में बाएं तरफ से मिलने वाली नदियाँ हैं|
प्रश्न – कौन-सी नदी गंगा नदी की दायें तरफ से सहायक नदी है ?
उत्तर – यमुना, तमसा, करमनासा, पुनपुन, फाल्गु, किउल, चन्दन, अजोय, दामोदर व रूपनारायण आदि गंगा नदी में दायें तरफ से मिलने वाली नदियाँ हैं|
इस आर्टिकल में हमने गंगा नदी तंत्र, गंगा नदी का उद्गम, पंच प्रयाग, गंगा की सहायक नदियों, गंगा नदी के किनारे बसे शहर सहित गंगा नदी से सम्बंधित सभी सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को पढ़ लिया है| आशा करते हैं कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा|